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शिव यज्ञ एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है जो भगवान शिव की आराधना के लिए किया जाता है। भगवान शिव को संहार और पुनर्जन्म के अधिपति, करुणा और तपस्या के देवता तथा मोक्षदाता माना जाता है।

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🔱 शिव यज्ञ क्या है?

शिव यज्ञ एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है जो भगवान शिव की आराधना के लिए किया जाता है। भगवान शिव को संहार और पुनर्जन्म के अधिपति, करुणा और तपस्या के देवता तथा मोक्षदाता माना जाता है।

यह यज्ञ विशेष रूप से जीवन के संकटों को दूर करने, मानसिक शांति प्राप्त करने, स्वास्थ्य लाभ, ग्रह दोष शांति और आत्मिक उन्नति हेतु किया जाता है।

🕉️ शिव यज्ञ की प्रक्रिया

  1. संकल्प – यजमान (जिसके लिए यज्ञ हो रहा है) का नाम, गोत्र और उद्देश्य बताया जाता है।
  2. गणेश पूजन व नवग्रह पूजन
  3. शिवलिंग की पूजा और रुद्राभिषेक – जल, दूध, दही, घी, शहद, बेलपत्र आदि से अभिषेक।
  4. महामृत्युंजय मंत्र और रुद्राष्टाध्यायी का जाप
  5. शिव मंत्रों द्वारा हवन (आहुति देना)
  6. पूर्णाहुति, आरती और प्रसाद वितरण

शिव यज्ञ के लाभ

  1. 🧘‍♂️ मानसिक शांति और चिंता से मुक्ति
    – मानसिक तनाव, अवसाद और भय दूर होते हैं।
  2. 🛡️ रोगों से रक्षा और आयु में वृद्धि
    – महामृत्युंजय मंत्र से दीर्घायु और रोगमुक्त जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
  3. 🧿 ग्रह दोष, कालसर्प दोष और पितृ दोष की शांति
    – विशेष रूप से राहु-केतु, शनि व अन्य ग्रहों की शांति हेतु यह यज्ञ प्रभावशाली होता है।
  4. 📈 धन, व्यापार और करियर में सफलता
    – आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
  5. 🏡 घर-परिवार में सुख-शांति और सौहार्द
    – परिवार में सद्भाव, प्रेम और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  6. 🔱 आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष मार्ग
    – आत्मा की शुद्धि और शिव तत्व की अनुभूति द्वारा मोक्ष की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है।

📅 शिव यज्ञ कब करें?

  • सावन माह के सोमवार
  • महाशिवरात्रि
  • अमावस्या या पूर्णिमा
  • जीवन में जब कोई बड़ा निर्णय हो या कष्ट चल रहा हो

📌 विशेष बात:

  • शिव यज्ञ को घर, मंदिर, या ऑनलाइन (लाइव स्ट्रीम) के माध्यम से भी किया जा सकता है।
  • यह संपूर्ण परिवार, व्यक्ति विशेष, या संगठनात्मक रूप से भी करवाया जा सकता है।