
विष योग दोष निवारण
विष योग एक अशुभ ग्रह योग है जो तब बनता है जब चंद्रमा और शनि एक ही भाव (house) में या एक-दूसरे की दृष्टि में हों। यह योग जातक के जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक संकट, रिश्तों में परेशानी और निर्णय लेने में असमर्थता जैसी समस्याएँ लाता है।
इस योग को "विष योग" इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह व्यक्ति के मन, स्वास्थ्य और भाग्य को विष के समान प्रभावित करता है।
₹8,999/- (घर बैठ के अपने नाम से-Live पूजा)
🕉️ विष योग दोष क्या है?
विष योग एक अशुभ ग्रह योग है जो तब बनता है जब चंद्रमा और शनि एक ही भाव (house) में या एक-दूसरे की दृष्टि में हों। यह योग जातक के जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक संकट, रिश्तों में परेशानी और निर्णय लेने में असमर्थता जैसी समस्याएँ लाता है।
इस योग को "विष योग" इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह व्यक्ति के मन, स्वास्थ्य और भाग्य को विष के समान प्रभावित करता है।
🔥 विष योग दोष निवारण यज्ञ क्या है?
विष योग दोष यज्ञ एक विशेष वैदिक प्रक्रिया है जो चंद्र और शनि ग्रहों को शांत करने के लिए की जाती है। इसमें निम्न प्रमुख क्रियाएं होती हैं:
- चंद्र और शनि बीज मंत्रों का जाप
- विशेष हवन और तर्पण
- मानसिक शुद्धि और मन की स्थिरता के लिए ध्यान व आहुतियाँ
यह यज्ञ अनुभवी पंडितों द्वारा पूर्ण विधि-विधान से किया जाता है।
🌟 विष योग दोष यज्ञ के लाभ
-
मानसिक तनाव और भ्रम से मुक्ति
– मन स्थिर होता है, चिंता और अवसाद में कमी आती है। -
चंद्र और शनि के दोषों का शमन
– जीवन में संतुलन आता है, मन और मस्तिष्क शांत होता है। -
विवाह, संबंध और पारिवारिक जीवन में सुधार
– रिश्तों में प्रेम और समझदारी बढ़ती है। -
आर्थिक समस्याओं और असफलताओं से राहत
– धन संबंधी अड़चनें कम होती हैं, नई संभावनाएं खुलती हैं। -
रोग, नींद की परेशानी और बुरे स्वप्न से बचाव
– शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। -
आत्मिक शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि
– साधक के भीतर शांति, प्रगति और एकाग्रता बढ़ती है।
🙏 निष्कर्ष:
यदि आपकी कुंडली में विष योग बन रहा है और जीवन में बिना कारण परेशानियाँ, अस्थिरता या अवसाद आ रहा है, तो विष योग दोष यज्ञ अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। यह यज्ञ ग्रहों को शांत कर जीवन में शुभता और संतुलन लाता है।