
दुषित योग निवारण हवन
दुषित योग तब बनता है जब कुंडली में ग्रह एक-दूसरे को अशुभ दृष्टि से प्रभावित करते हैं या अशुभ भावों में स्थित होते हैं। इससे जीवन में बाधाएं, मानसिक तनाव, और दुर्भाग्य आता है। दुषित योग निवारण हवन से इन दोषों की शांति कर जीवन में सकारात्मकता लाई जाती है।
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🔱 दुषित योग दोष क्या होता है?
ज्योतिष में जब दो या दो से अधिक ग्रह एक-दूसरे को अशुभ दृष्टि से देखते हैं या अशुभ भावों (जैसे 6, 8, 12वें भाव) में स्थित होते हैं, तब दुषित योग बनता है। जैसे—
- शनि की दृष्टि चंद्र या सूर्य पर हो
- मंगल, राहु, केतु या शनि साथ हों
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राहु-शनि, मंगल-केतु जैसे ग्रह एक ही भाव में हों
तो ये ग्रह एक-दूसरे को "दूषित" करते हैं और व्यक्ति के जीवन पर इसका गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
😟 दुषित योग के प्रभाव:
- बार-बार बाधाएं और योजनाओं का असफल होना
- मानसिक अशांति और तनाव
- स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां
- वैवाहिक और पारिवारिक कलह
- नौकरी या व्यापार में रुकावटें
- कोर्ट-कचहरी के झंझट
- दुर्भाग्य और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव
🔥 दुषित योग निवारण हवन क्यों कराते हैं?
दुषित योग निवारण हवन एक विशेष वैदिक प्रक्रिया है जिसमें उस दोष से प्रभावित ग्रहों की शांति की जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का आह्वान किया जाता है। यह हवन विशेष रूप से उन जातकों के लिए किया जाता है जिनकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति जीवन में लगातार कठिनाइयां उत्पन्न कर रही हो।
🌟 इस हवन के लाभ:
- ग्रहों की अशुभता में कमी आती है
- मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है
- बाधाएं कम होती हैं, कार्यों में सफलता मिलने लगती है
- रोग, ऋण, शत्रु और विवाद से राहत मिलती है
- जीवन में स्थिरता और सुख-शांति बढ़ती है
🙏 हमारी सेवा: दुषित योग निवारण हवन
Havan Connect पर अनुभवी पंडितों द्वारा विधिवत यह हवन किया जाता है —
आप चाहें तो इसे ऑनलाइन लाइव देख सकते हैं या फिर हम आपके नाम से हवन कर उसका वीडियो लिंक प्रदान करते हैं।