History Of Baglamukhi Temple
🌼 कथा (Story)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार संसार में अत्यधिक तूफान और विपत्ति फैली हुई थी। चारों ओर विनाश हो रहा था – न तो देवता सुरक्षित थे, न ही मनुष्य। उस समय भगवान विष्णु ने तपस्या की और देवी बगलामुखी प्रकट हुईं। उन्होंने तूफान को स्तम्भित (रोक) कर दिया और संसार की रक्षा की।
उन्हें यह शक्ति इसलिए प्राप्त है क्योंकि वे "वाक् सिद्धि" और "शत्रु नाश" की देवी मानी जाती हैं। उनका स्वरूप पीले वस्त्रों में, एक हाथ से शत्रु की जीभ पकड़ते और दूसरे हाथ से गदा से प्रहार करते हुए दर्शाया जाता है। यह संकेत है कि वे शत्रु की वाणी और बुद्धि को रोकने की शक्ति रखती हैं।
🌼 बगलामुखी मंदिर की विशेषता
- उज्जैन का यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित है।
- यहाँ विशेष रूप से पीला रंग (हल्दी, पीले वस्त्र आदि) का बहुत महत्व है, क्योंकि बगलामुखी देवी को पीताम्बरा भी कहा जाता है।
- यहाँ विशेष यज्ञ और हवन के द्वारा शत्रु बाधा निवारण की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
- नवरात्रि, बगलामुखी जयंती, और अमावस्या को यहाँ विशेष भीड़ होती है।
🌼 क्या विशेष मांगी जाती है यहां?
भक्तजन यहाँ अक्सर ये कामनाएँ लेकर आते हैं:
- शत्रु पर विजय
- कोर्ट केस में जीत
- वाणी में सिद्धि
- राजनैतिक लाभ
- व्यापार में रुकावटों का निवारण

हित-शत्रु यज्ञ
1. कानूनी, व्यापारिक, या व्यक्तिगत दुश्मनों से मुक्ति
2. अपनों के बीच चल रहे मनमुटाव या विरोध की शांति
3. तंत्र बाधाओं का नाश
4. आत्मिक सुरक्षा और मानसिक शांति
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कार्य सिद्धि यज्ञ
1. रुके हुए कार्यों की सफलता
2. विवादों में विजय प्राप्ति
3. मानसिक बल और आत्मविश्वास में वृद्धि
4. राजनीति, व्यापार और करियर में तेजी
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